Friday, July 17, 2009

वो पल...


वो पल न भूलेंगे ,
वो यादें न जाएंगी,
यूँ दिन न बीतेगा,
अब रातें न जाएंगी।

हम पलकों के झरोखे से,
बस देखते ही रह जाएँगे,
तुम चुपके कदम चले जाओगे,
ये नयन गीले रह जाएँगे।

यूँ आस का दामन थामे बैठा,
पर दर्श ना आँखें पाएंगी,
काँलेज के ये दिन बीतेंगे,
यादें ही जवा रह जाएंगी।

कल कौन हमें अब याद करेगा,
क्यूँ कोई फरियाद करेगा,
जब हम ही न होंगे इस बगिया में,
फूलों की कहानी कौन कहेगा।

अब वक्त रहा ना चार भी हमपे,
बस कर के कुछ यूँ गुज़र जाएँगे,
दो - चार हसरतें पूरी कर लें,
फ़िर आप ही हम थम जाएँगे।

चाहे - अनचाहे लोग मिलेंगे,
दो टूक न कोई बात कहेगा,
जाते - जाते दुनिया से ये बुत,
इक लफ्ज़ में बस अल्लाह कहेगा।

3 comments:

  1. nice lines..
    & these lines r really true...!!!

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  2. Accept my fanhood to u.. u r superb..

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  3. Dis one s d best!!!!
    Waiting 4 d next publication writer...

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